
सुबह आठ बजे दरवाजे पर किसी ने दस्तखत दी. खोलने पर देखा कि एक
हमउम्र ऑस्ट्रेलियन आसमानी हाफ शर्ट और मडग्रे ३/४ पहने खड़ा है. खिचड़ी
बाल, सफ़ेद मूंछ, चेहरा चौकोर, मुस्कुराता, चमकता गोरा . उसने अपना परिचय दिया. वह एयर
कंडीशनिंग इंजिनियर था. उसे पूरे घर
के
हीट लोड का आंकलन करना था. उसे अपना काम पूरा करने में मात्र १५ मिनट लगे.
आंकलन में प्लान का मुआयना, दीवालों की मोटाई की नाप जिसके लिए उसने सोनोमिटर का उपयोग किया
और कॉस्ट एनालिसिस शामिल थे. इसी बीच पूरी प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए
हमलोगों ने सचिन से लेकर भारत की विविधता और ऑस्ट्रेलिया की हरियाली तक की
बात की. उसने बताया की वह पर्थ का टेस्ट मैच खासकर सचिन को शतक बनाते देखने गया था . मैंने उसे बताया कि अब मैं सक्रिय सर्विस में नहीं हूँ और
ऑस्ट्रेलिया अपनी बेटी के पास आया हूँ. जाते समय मैंने उससे पूछा कि
सेंटरलाईजड एयर कंडीशनिंग लगाने में कितना दिन लगेगा. उसने मुस्कुरा कर कहा, दिन
नहीं, घंटे. उसने बताया कि दो टेक्नीशियन आयेंगे और पूरा
इंस्टालेशन चार घंटे में कर देंगे.
जब वह अपनी कार में बैठ रहा था तो मुझसे
रहा नहीं गया. मैंने उससे कहा कि वह मेरा हमउम्र लग रहा है पर फुर्ती मुझसे
कहीं ज्यादा है. उसने बताया कि साइकिल चलाना एवं टेनिस खेलना उसके प्रिय
शौक हैं. उसने अपनी उम्र ८२ बताई.
मैं २० दिनों में ६५ का हो जाऊंगा. मैं
उसे अपनी उम्र नहीं बता पाया और यह भी नहीं कि ऐसे कामों में इंडिया में ३
दिनों से १५ दिन तक लग जाते हैं. — at Baldivis